मिथिला पंचांग – द्विरागमनक मुहूर्त वर्ष 2024 – 25 मे
द्विरागमनक मुहूर्त वर्ष 2024 – 25 मे
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द्विरागमनक मुहूर्त वर्ष 2024 – 25 मे
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मिथिला क्षेत्र में, शुभ अवसरों पर आशीर्वाद के लिए कम से कम पाँच विवाहित पुरुष ब्राह्मणों द्वारा दूर्वाक्षत मंत्र का जाप किया जाता है । इस मंत्र का जाप आम तौर पर विवाह, कोजागरण ,उपनयन और मुंडन समारोह आदि के अवसर पर किया जाता है ।
मिथिला पंचांग – वट सावित्री व्रत 2025 कब है ? तिथि और समय, पूजा अनुष्ठान, और कथा
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मधुश्रावणी पूजा एक प्राचीन और विशेष पर्व है, जिसे मैथिल ब्राह्मण और अन्य मिथिलांचल समुदाय के लोग विशेष श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं।
Maithili Bhasha Kahan Boli Jaati Hai? जानिए विस्तार से -Maithili Bhasha भारत और नेपाल में बोली जाने वाली एक प्रमुख
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मिथिला की पुण्य धरती पौराणिक , सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है | यह महाभारतकाल से लेकर रामायणकाल तक के कई प्रसंगों को अपनी गोद में समेटे हुई है |
तो क्या केवल पुस्तकों में रह जायेगा अहिल्या स्थान और विद्यापति डीह ? Read Post »
मिथिला या मधुबनी पेंटिंग भारत की एक पारंपरिक लोककला है, जो मुख्यतः बिहार तथा नेपाल के मिथिला क्षेत्र में प्रचलित है। यह कला सरल लेकिन गहरी भावनाओं की अभिव्यक्ति करती है
मैथिली भाषा भारत के बिहार और झारखंड राज्यों के साथ-साथ नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। यह भाषा हिंद-आर्य भाषा परिवार की सदस्य है और यह मगधी प्राकृत से विकसित हुई और मध्यकालीन
वॆद ग्रन्थ विश्व कॆ पुस्तकाल्य का प्राचीनतम् ग्रन्थ माना गया है | उसमॆं गंगा, यमुना आदि नदियॊं का यथास्थान उल्लॆख पाया गया है लॆकिन पर्वत राज हिमालय का नहीं |
रामायण में वर्णित जनकपुर धाम का जितना वर्णन किया जाए कम है । यह माता सीता कि जन्म भुमि तथा श्री राम चंद्र की विवाह स्थली है ।
उच्चैठ भगवती मधुबनी के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र में स्थित है। यहाँ देवी दुर्गा का एक प्राचीन और विशाल मंदिर है। इस गाँव में देवी दुर्गा का एक अनोखा मंदिर है
प्राचीन विधि-विधान के अनुसार विवाह और सामाजिक व्यवस्था पर प्रकाश डालने के विषय में सौराठ मैथिल समाज का ऐतिहासिक महत्व रखता है।