हमारे बारे में
पौराणिक और ऐतिहासिक कथाओं में वर्णित मिथिला अपनी पहचान के लिए किसी परिचय की मोहताज नहीं है। जहाँ महर्षि वाल्मीकि ने अपनी अमर कृति रामायण में मिथिला का उल्लेख किया है, वहीं आधुनिक इतिहासकार इसे लिच्छवि राजसंघ के एक महत्वपूर्ण राज्य के रूप में देखते हैं। यह भूमि प्राचीन काल से ही अपने वैभव, ज्ञान और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध रही है और आर्यावर्त का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है।
आज मिथिलांचल संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। जो क्षेत्र कभी विद्वानों और गुरुओं के निवास के लिए प्रसिद्ध था, वहाँ के युवाओं को अब उच्च शिक्षा और रोजगार की तलाश में अपने गाँव और मातृभूमि से दूर जाना पड़ता है। जो लोग यहीं शिक्षा प्राप्त करते हैं, उन्हें भी रोजगार की कमी के कारण पलायन करना पड़ता है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि मिथिला के प्रति उनका प्रेम कम हुआ है। परिस्थितियाँ चाहे जो भी हों, मैथिल समाज का हृदय हमेशा अपनी मिट्टी और परंपराओं से जुड़ा रहता है। यही कारण है कि पर्व-त्योहारों के अवसर पर मिथिला जाने वाली किसी भी ट्रेन या हवाई जहाज में टिकट पाना बेहद कठिन हो जाता है।
इन परिस्थितियों से दो बातें स्पष्ट हैं:
- मैथिल समुदाय भारत और दुनिया के हर कोने में बसा हुआ है।
- अपनी जड़ों और संस्कृति के प्रति उनका प्रेम अटूट है।
मिथिला की समृद्ध परंपरा और विरासत को जानने और समझने की उत्सुकता हर मैथिल के मन में रहती है। इसी कारण, वे अपने परिवार और समाज से जुड़े रहने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। हालाँकि आधुनिक तकनीक, जैसे फोन और इंटरनेट, ने आपसी संवाद को आसान बना दिया है, लेकिन व्यक्तिगत बातचीत अक्सर परिवार तक सीमित रह जाती है, और समाज या क्षेत्र की व्यापक जानकारी नहीं मिल पाती।
आज विज्ञान और तकनीक ने दुनिया को “ग्लोबल विलेज” में बदल दिया है। सूचना और तकनीकी क्षेत्र में भारत ने भी उल्लेखनीय प्रगति की है। इस प्रगति का लाभ मिथिला के लोगों तक पहुँचाना इस वेबसाइट का प्रमुख उद्देश्य है।
इस वेबसाइट का उद्देश्य
यह वेबसाइट मिथिलांचल और उसके लोगों को एक मंच प्रदान करने का प्रयास है। इसके अंतर्गत हम निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान देंगे:
- मिथिला में हो रही समसामयिक घटनाओं की जानकारी।
- मिथिला के विकास की दिशा और संभावनाओं का विश्लेषण।
- मिथिला की समृद्ध सभ्यता और संस्कृति का परिचय।
- मिथिला की महान विभूतियों का जीवन और योगदान।
- मिथिला/मधुबनी चित्रकला और उसकी वैश्विक पहचान।
- मैथिल पंचांग और पर्व-त्योहारों की जानकारी।
- देश-विदेश की प्रमुख गतिविधियों की झलक।
- मिथिला के गाँवों पर विशेष रिपोर्ट।
- मिथिलांचल के विकास पर चर्चा के लिए एक मंच।
पाठकों से अनुरोध:
यह वेबसाइट किसी एक व्यक्ति या संस्था की नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण मिथिलांचल की है। यह एक सामूहिक प्रयास है, जो मिथिला को वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने के लिए समर्पित है। इस प्रयास में आपके सहयोग और सुझावों की आवश्यकता है।
आइए, हम सब मिलकर अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत को संरक्षित करते हुए मिथिला के विकास में योगदान दें।
हम कौन हैं ?
यह वेबसाइट NXG Digital द्वारा संचालित है, जो पिछले 15 वर्षों से मिथिला की पवित्र भूमि पर अपनी डिजिटल पहलों के जरिए समाज को जागरूक और सशक्त बनाने में जुटा हुआ है। NXG Digital ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से न केवल मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने लाया है, बल्कि शिक्षा, जागरूकता और सामाजिक विकास के कई खास कार्यक्रमों के जरिए इस क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार किया है।
NXG Digital का उद्देश्य:
- मिथिला की समृद्ध परंपराओं को संरक्षित और प्रचारित करना।
- समाज को डिजिटल क्रांति के साथ जोड़ना और नई पीढ़ी को जागरूक बनाना।
- मिथिला के विकास में तकनीकी साधनों का योगदान देना।
- कला, संस्कृति और भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयास करना।
आज मिथिला के लोग अपनी पहचान को बचाए रखने और उसे नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए तत्पर हैं। NXG Digital ने इस जुनून को समझते हुए डिजिटल साधनों के जरिए समाज और संस्कृति को जोड़ने का काम किया है।
हमसे जुड़ें:
अगर आप हमारी पहल के बारे में और जानना चाहते हैं या हमारे काम से जुड़ना चाहते हैं, तो हमारे आधिकारिक Facebook पेज पर जरूर जाएँ।
👉www.facebook.com/nxgcomp
आइए, हम सब मिलकर डिजिटल युग में अपनी जड़ों से जुड़े रहें और अपनी अनमोल संस्कृति को नई पीढ़ियों तक पहुँचाएँ। NXG Digital के इस प्रयास का हिस्सा बनें और मिथिला को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाएँ।