मिथिला पंचांग – वर्ष 2024-25 के विवाह हेतु शुभ दिन

वर्ष 2024-25 मे विवाहक शुभ दिन

मिथिला पंचांग – वर्ष 2024-25 के विवाह हेतु शुभ दिन -विवाह हिंदू धर्म में एक पवित्र संस्कार माना जाता है, जो केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का भी मिलन होता है। शास्त्रों के अनुसार, विवाह के लिए शुभ मुहूर्त (विवाह तिथि) का विशेष महत्व होता है। उचित तिथि और समय में संपन्न हुआ विवाह दांपत्य जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है। मिथिला पंचांग के अनुसार, वर्ष 2024 और 2025 में विवाह के लिए निम्नलिखित तिथियां शुभ मानी गई हैं।

मिथिला पंचांग – वर्ष 2024-25 के विवाह हेतु शुभ दिन

विवाह हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण संस्कार होता है। हिंदू धर्म में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। उचित मुहूर्त पर विवाह करने से दांपत्य जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यहां 2024 और 2025 में विवाह के शुभ दिन और मुहूर्त दिए गए हैं:

माहशुभ दिन
नवंबर 202418, 22, 25, 27
दिसंबर 20241, 2, 5, 6, 11
जनवरी 202516, 19, 20, 23, 24, 29, 30
फरवरी 20252, 3, 6, 7, 16, 19, 20, 21, 24
मार्च 20252, 3, 6, 7
अप्रैल 202516, 18, 20, 21, 23, 25
मई 20251, 7, 8, 9, 11, 18, 19, 22, 23, 25
जून 20251, 2, 4, 6

विशेष ध्यान दें:

शुभ मुहूर्त का चयन करते समय यह सुनिश्चित करें कि आपकी कुंडली और ग्रह-नक्षत्र अनुकूल हैं। किसी भी प्रकार के संदेह की स्थिति में अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।

इन दिनों को ध्यान में रखते हुए आप अपने विवाह के आयोजन की योजना बना सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका वैवाहिक जीवन सुखी और मंगलमय हो।

विवाह मुहूर्त का महत्व

  • ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव: शुभ मुहूर्त में संपन्न हुआ विवाह नवदम्पति को सुख-समृद्धि प्रदान करता है और गृहस्थ जीवन में शांति बनी रहती है।
  • वैवाहिक जीवन की स्थिरता: शुभ मुहूर्त में विवाह करने से दाम्पत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द बना रहता है, जिससे रिश्तों में मधुरता बनी रहती है।
  • कुंडली मिलान का महत्व: विवाह से पहले कुंडली मिलान करना जरूरी होता है, ताकि दोनों के बीच अनुकूलता सुनिश्चित की जा सके।
  • नकारात्मक प्रभावों से बचाव: सही मुहूर्त पर विवाह न होने से वैवाहिक जीवन में बाधाएं आ सकती हैं, इसलिए शुभ समय का ध्यान रखना आवश्यक है।

विवाह के लिए विशेष सुझाव

  • विवाह तिथि का चयन करने से पहले कुंडली मिलान कराएं।
  • शुभ मुहूर्त में विवाह करने से गृहस्थ जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
  • यदि विवाह हेतु विशेष तिथि पर कोई बाधा हो, तो ज्योतिषीय उपाय अपनाकर नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
  • विवाह संस्कार की सभी रस्मों को विधिपूर्वक संपन्न करें, जिससे मंगलकारी फल प्राप्त हों।

मिथिला पंचांग – वर्ष 2024-25 के विवाह हेतु शुभ दिन – FAQ

क्या विवाह की तिथि तय करने के लिए कुंडली मिलान जरूरी है?

हां, कुंडली मिलान अत्यंत आवश्यक होता है, जिससे वर-वधू के बीच अनुकूलता जानी जा सके और वैवाहिक जीवन सुखमय हो।

क्या विवाह का शुभ मुहूर्त स्थान विशेष के अनुसार बदल सकता है?

हां, विवाह के शुभ मुहूर्त पंचांग और स्थान विशेष के अनुसार बदल सकते हैं। इसलिए, विवाह तिथि का निर्धारण किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर करें।

क्या सभी महीनों में विवाह संभव होता है?

नहीं, कुछ महीनों में विवाह करना शुभ नहीं माना जाता, जैसे कि खरमास (सूर्य के धनु या मीन राशि में होने का समय) और चातुर्मास (देवशयन काल)।

क्या विवाह के लिए कोई विशेष दिन अधिक शुभ माने जाते हैं?

हां, अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी, देवउठनी एकादशी, और रथ सप्तमी जैसे विशेष पर्वों पर बिना पंचांग देखे भी विवाह किया जा सकता है।

क्या लव मैरिज के लिए भी शुभ मुहूर्त देखना आवश्यक होता है?

हां, चाहे प्रेम विवाह हो या पारंपरिक विवाह, शुभ मुहूर्त में विवाह करना सदैव मंगलकारी होता है।

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने मैथिली भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।
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