बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा आयोजित वार्षिक माध्यमिक परीक्षा के पहले दिन ही फारबिसगंज से प्रश्नपत्र लीक का बड़ा मामला सामने आया है। परीक्षा की निगरानी के लिए तैनात पांच वीडियोग्राफरों को प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये सभी वीडियोग्राफर परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र की तस्वीरें लेकर मोबाइल के जरिए दूसरे परीक्षा केंद्रों पर भेज रहे थे।
रिश्तेदारों को परीक्षा में मदद करने का शक
गिरफ्तार किए गए सभी वीडियोग्राफरों के रिश्तेदार उसी परीक्षा केंद्र में परीक्षा दे रहे थे। पुलिस को शक है कि ये वीडियोग्राफर अपने परिजनों को नकल करवाने के लिए प्रश्नपत्र लीक कर रहे थे। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।
कैसे हुआ मामला उजागर?
BSEB ने इस बार नकलविहीन परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर CCTV कैमरे और वीडियोग्राफी की व्यवस्था की थी। जिन केंद्रों पर CCTV नहीं थे, वहां वीडियोग्राफर तैनात किए गए थे, ताकि परीक्षा की निगरानी हो सके।
इन वीडियोग्राफरों को परीक्षा की रिकॉर्डिंग जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम में भेजनी थी, लेकिन उन्होंने वीडियो फुटेज अपने मोबाइल में कॉपी कर अन्य परीक्षा केंद्रों को भेज दिया।
दंडाधिकारी की सतर्कता से हुआ खुलासा
परीक्षा केंद्र पर तैनात दंडाधिकारी को जब इन वीडियोग्राफरों की संदिग्ध गतिविधियों पर शक हुआ, तो उन्होंने जांच शुरू की। जब परीक्षा के दौरान उनके मोबाइल की जांच की गई, तो पता चला कि वे प्रश्नपत्र की तस्वीरें लेकर बाहर भेज रहे थे।
इसके बाद पांचों वीडियोग्राफरों को तुरंत गिरफ्तार कर पुलिस को सौंप दिया गया। गिरफ्तार किए गए वीडियोग्राफरों के नाम मनीष कुमार, आशीष कुमार, अमन कुमार, सोनू कुमार और अविनाश कुमार हैं। ये सभी नरपतगंज के डुमरिया वार्ड संख्या 10 के निवासी बताए जा रहे हैं।
एफआईआर दर्ज, पुलिस जांच में जुटी
गिरफ्तारी के बाद इन वीडियोग्राफरों को फारबिसगंज अनुमंडल कार्यालय लाया गया, जहां SDM, SDPO और थानाध्यक्ष ने इनसे लंबी पूछताछ की। इसके बाद फारबिसगंज थाना में इनके खिलाफ FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की गई।
फारबिसगंज के थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह ने पांचों वीडियोग्राफरों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले में कई अहम जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
मोबाइल जब्त, बड़े गिरोह से जुड़े होने की जांच
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार वीडियोग्राफरों ने यह स्वीकार किया कि उनके रिश्तेदार उसी परीक्षा केंद्र में परीक्षा दे रहे थे। पुलिस ने उनके मोबाइल जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं।
अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या ये वीडियोग्राफर किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हैं या यह सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया कृत्य था।
बिहार में नकल पर सख्ती के बावजूद इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इस मामले में कोई और व्यक्ति या शिक्षा माफिया तो शामिल नहीं है।